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पूर्णिया की जंग: अदृश्य जेडीयू सांसद संतोष कुशवाहा की जगह भरने को बेक़रार बीमा और पप्पू

 24 Apr 2024

बिहार की सबसे हाॅटसीट मानी जाने वाली पूर्णिया लोकसभा की हकीकत टीवी चैनलों में दिख रही पूर्णिया से बहुत अलग है। बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहा पूर्णिया बार बार जनप्रतिनिधियों के धोखे का शिकार होता रहा है। 2019 में यहां की जनता के आशीर्वाद से संतोष कुशवाहा सांसद भले ही बन गए हों, लेकिन इन पांच सालों में ना तो पूर्णिया की तस्वीर बदली ना ही पूर्णिया के लोगों की।

गरीबी, बेरोजगारी, बिजली, पानी, सड़क की मार से बदहाल पूर्णिया की असली तस्वीर तब सामने आई, जब माॅलिटिक्स की टीम ग्राउंड ज़ीरो पर लोगों के बीच गई।

माॅलिटिक्स से बात करने पर अधिकतर लोगों ने संतोष कुशवाहा को भ्रष्ट और नकारा सांसद करार दिया। उनके क्षेत्र की जनता ने सालों से अपने सांसद को देखी तक नहीं है। माॅलिटिक्स से पप्पू यादव बोले "नेता नहीं, मैं पूर्णिया का सेवक हूँ। पूर्णिया मतलब पप्पू.. पूर्णिया लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी पप्पू यादव के लिए इस बार मुकाबला आसान नहीं रहेगा।

पूर्णिया को अपनी कर्मभूमि बताते हुए पूर्व सांसद पप्पू ने कहा कि यह उनकी कर्मभूमि रही है। पप्पू यादव ने माॅलिटिक्स से बात करते हुए कहा कि कोरोना काल के दौरान जब खुद को जनता का सेवक कहने वाले नेता सो रहे थे, तब पप्पू यादव दिन रात पूर्णिया की सेवा में हाजिर था। बाढ़ के दौरान जब लोग अपने घरों में फंसे हुए थे, तब मदद के लिए प्रशासन नहीं पप्पू यादव गया था। लाखों लोगों तक खाना, पीना, राशन, दवाइयां, दूध व अन्य जरूरी सामान पप्पू यादव लेकर गया था।

अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर चुके पप्पू यादव पूर्णिया की जनता पर भरोसा जताते हुए अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं।

क्या लालू की छाप छोड़ पाएंगी बीमा भारती ?

पूर्णिया से बीमा भारती गठबंधन की उम्मीदवार हैं। माॅलिटिक्स से बात करते हुए बीमा भारती ने कहा कि लोग इस बार भाजपा के बहकावे में ना आकर अपने हक के लिए वोट करेंगे।

अमित शाह पर पलटवार करते हुए बीमा ने कहा कि पूर्णिया में आकर उन्होंने भाषण देते हुए कहा कि पूर्णिया एयरपोर्ट बनकर चालू हो गया है। जबकि हकीकत ये है कि एयरपोर्ट अभी तक चालू ही नहीं हुआ। चुनाव से ऐन पहले दल बदलकर राजद की राह पकड़ने वाली बीमा भारती की संसद पहुंचने की राह आसान नज़र नहीं आ रही।

ये है पूर्णिया की जनता का रूझान

मौजूदा सांसद संतोष कुशवाहा से पूर्णिया की जनता संतुष्ट नहीं है। लोगों का दावा है कि जीतने के बाद सांसद जी कभी उनके बीच नहीं आए। पूर्णिया में कोई बड़ा विकास कार्य बीते पांच वर्षों में नहीं हुआ जिससे जनता को लाभ मिला हो। बार बार ठगे जाने के बाद भी गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा और विकास से वंचित पूर्णिया आज भी अपने तारणहार की बाट जोह रहा है।